Digital Learning

Sunday, October 16, 2022

निपुण भारत मिशन- भारत सरकार द्वारा संचालित योजनाः

निपुण भारत मिशन- भारत सरकार द्वारा संचालित योजनाः 

योजना का नामः     निपुण भारत मिशन (NIPUN BHARAT YOJANA)

संबंधित विभागः     स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग

मंत्रालयः                   शिक्षा मंत्रालय

शुरूआत की गयीः 5 जुलाई 2021, केंद्र सरकार द्वारा

भारत केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में विकास के लिए निपुण भारत योजना-2022 की शुरूआत की है। निपुण भारत की शुरूआत 5 जुलाई 2021 में की गयी है। निपुण(NIPUN) भारत मिशन का पूरा नाम- National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy हैं।

इस योजना में प्री स्कूल के विद्यार्थीयों में शिक्षा की नींव को मजबूत बनाया जाएगा और इसके लिए सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में इस मिशन के अंतर्गत सहयोग प्रदान किया जाएगा। इस योजना का संचालन स्कूल शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा। निपुण योजना स्कूल शिक्षा कार्यक्रम समग्र शिक्षा का एक हिस्सा होगी।

निपुण भारत मिशन के अंतर्गत सभी बच्चे जो कक्षा 3 में पढ़ रहे हैं उन्हें कक्षा के अंत तक बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता में निपुण बनाना है।

जिससे उन्हें वर्ष 2026-2027 तक पढ़ने, लिखने व अंक गणित करने की क्षमता उनमे आ सके। बुनियादी शिक्षा मजबूत होने से छात्रों को आगे के पाठ्यक्रमों के लिए सुविधा हो जाएगी और पहले से बेहतर समझ उत्पन्न होगी। सरकार द्वारा इस निपुण भारत मिशन की शुरूआत देश में आयी नई शिक्षा नीति के बेहतर कार्यान्वयन के लिए हुआ है।

निपुण भारत योजना का उद्देश्यः

निपुण भारत मिशन का उद्देश्य कक्षा 3 तक के छात्रों में आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता का ज्ञान देना है। जिससे उनकी शिक्षा की नींव मजबूत बन सके। बुनियादी ज्ञान मजबूत होना आवश्यक है। आज कक्षा 3 में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए और उनके सम्पूर्ण मानसिक विकास करने के लिए येआवश्यक हो गया है कि आज के समय की मांग के अनुसार उन्हें बुनियादी शिक्षा और उसके पाठ्यक्रमों में पारंगत बनाया जाए। इस से सभी छात्रों को आगे की पढ़ाई और पाठ्यक्रमों में आसानी हो जाएगी और पहले से ही अन्य जानकारी को समझने में समर्थ हो पाएंगे।

Annual Status of education Report-

रिपोर्ट के निष्कर्षों के अनुसार लगातार कई वर्षों से स्कूलों में प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने वाले अधिकतर भारतीय छात्र बुनियादी अंक गणित पढ़ और समझ नहीं पाते। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर निपुण भारत मिशन की शुरूआत की गयी थी जिससे बच्चों की बुनियादी शिक्षा को मजबूत बना सकें। ये योजना नई शिक्षा नीति के अनुरूप शुरू की गयी है।

कार्यान्वयन प्रक्रियाः

NIPUN BHARAT 2022 की शुरूआत देश में लागू –नई शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन के लिए किया गया है। इस नई शिक्षा नीति को देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा। इसके लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 5 स्तरीय तंत्र की स्थापना की जाएगी जिसमें राष्ट्रीय, राज्य, जिला, ब्लाँक और स्कूल स्तर पर संचालन होगा। इस मिशन के अंतर्गत 3 से 9 वर्ष के बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा और उन्हें बेहतर बुनियादी शिक्षा प्रदान की जाएगी। इस मिशन के अंतर्गत वर्ष 2026-27 तक का लक्ष्य रखा गया है। इसके अंतर्गत प्री स्कूल 1, प्री स्कूल 2 और प्री स्कूल 3 (बाल वाटिका) के बाद ग्रेड 1, ग्रेड 2 और ग्रेड 3 की कक्षायें होंगी। इन छात्रों को इन कक्षाओं के दौरान भाषा और गणित का बेहतर ज्ञान दिया जाएगा।

नेशनल मिशन की भूमिका व कार्यः

·    इस मिशन के तहत मूलभूत शिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा। विद्यार्थियों को बेहतर बेसिक/ प्राथमिक शिक्षा प्रदान करके 2026-27 के लिए तैयार किया जाएगा। इस योजना के लिए मिशन की रणनीति और दस्तावेजों को तैयार किये जाने के साथ साथ स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग शिक्षा मंत्रालय के रूप में कार्य भी करेगा। इस के अतिरिक्त मिशन निदेशक एवं एजेंसी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय स्तर पर कार्यन्वयन किया जाएगा।

नेशनल मिशन का प्रसाशनिक संचरण-

इसके पांच स्तर है-

·    National Level Mission-(राष्ट्रीय स्तर) ये राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाएगा। इसका संचालन स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा। इस के अंतर्गत बच्चों को लर्निंग गैप्स, अस्सेस्मेंट, लर्निंग स्ट्रेटेजी डाँक्युमनेट्स बनाने, लर्निग मैट्रिक्स तैयार करने जैसे कार्य किये जाएंगे।

·    State Level Mission-(राज्य स्तर पर) इसे राज्य स्तर पर आयोजित किया जाएगा। इस स्तर पर संचालन की जिम्मेदारी स्कूल शिक्षा विभाग की होगी। और इस के लिए स्टेट रिपेयरिंग समिति का गठन किया जाएगा। और राज्य स्तर पर कार्यान्वयन राज्य के सेक्रेटरी हेड द्वारा किया जाएगा।

·    District Mission-(जिला स्तर पर)- इस योजना को डिस्ट्रिक्ट लेवल पर संचालित किया जाएगा। इसका संचालन डिप्टी मजिस्ट्रेट और डिप्टी कमिश्नर करेंगे। जिला स्तर पर इस योजना को तैयार करने के लिए जिला शिक्षा आँफिसर, कमिटी के सदस्य सीईओ, डिस्ट्रिक्ट अफसर ऑफ हेल्थ आदि सदस्य बनाए जाते है।

·    Block Cluster Mission(ब्लॉक स्तर पर)- इस स्तर पर मिशन के कार्यान्वयन ब्लॉक लेवल पर होता है। इस स्तर पर मिशन का संचालन करने और साथ ही इसकी निगरानी करने की जिम्मेदारी एजुकेशन ऑफिसर और ब्लॉक रिसोर्सेज पर्सन की होती है।

·    School Management Committee and Community Participation- इस मिशन का संचालन स्कूल और कम्युनिटी लेवल पर किया जाएगा। देश भर में शिक्षा अभियान से संबंधित जागरूकता फैलाने का कार्य इस मिशन के माध्यम से किया जाएग। साथ ही मिशन के अंतर्गत स्कूल मैनेजमेंट शिक्षकों और अभिभावकों के द्वारा भी योगदान दिया जाएगा। इससे बच्चों की शिक्षा में सुधार लाने के लिए सभी को इस मिशन के माध्यम से जागरूक किया जाएगा।

निपुण भारत के कार्यान्वयन हेतु जारी किया गया बजटः

केंद्र सरकार द्वारा निपुण भारत मिशन की शुरूआत 2020 में लायी गयी नयी शिक्षा नीति के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन हेतु की गयी है। केद्र सरकार ने इसके लिये बजट जारी किया है। जानकारी के लिए बता दें की NIPUN BHARAT MAISSION के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन हेतु वर्ष 2021-22 के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को देश भर में समग्र शिक्षा योजना के तहत 2688.18 करोड़ रूपय प्रदान करने की मंजूरी दी है। ये रकम आधारभूत चरणों के विभिन्न उपायों को लागू करने के लिए है। जिससे बच्चों को योजना के तहत बेहतर बुनियादी शिक्षा मिल सकेगी और वो आगे के पाठ्यक्रमों के लिए तैयार हो सकेंगे। अभी सरकार का लक्ष्य इसे 2026-27 तक पूरा करना है।

बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकताः

बुनियादी साक्षरता वो योग्यता है जिसके माध्यम से विद्यार्थी पढ़ने लिखने, बोलने और व्याख्या करने में सक्षम होता है। वहीं मूलभूत संख्यात्मकता –संख्यात्मक विधियों और विश्लेषण का उपयोग करके दिन-प्रतिदिन की समस्याओं को हल करने की क्षमता है। इसी ज्ञान के आधार पर विद्यार्थी आगे की शिक्षा को ग्रहण कर सकता है। ये बुनियादी ज्ञान मुख्यतः बच्चों को कक्षा 3 तक प्राप्त करना होता है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा इसी तथ्य को ध्यान में रखकर कक्षा 3 तक के विद्यार्थियों के लिए निपुण भारत के अंतर्गत बुनियादी शिक्षा की नींव मजबूत करने का प्रावधान किया है।

मूलभूत भाषा एवं साक्षरताः

·       * मौखिक पठन प्रवाह

·       ध्वनियात्मक जागरूकता

·       लेखन

·       शब्दावली

·       रीडिंग कंप्रेहेंशन

·       मौखिक भाषा का विकास

·       प्रिंट के बारे में अवधारणा

·       डिकोडिंग

·       कल्चर ऑफ रीडिंग

मूलभूत संख्यामकता और गणित कौशलः

·       गणितीय तकनीकें

·       पूर्व संख्या अवधारणाएं

·       आकार एवं स्थानिक समाज

·       *  मापन

·       नंबर एंड ऑपरेशन ऑन नंबर

·       पैटर्न

NIPUN Bharat Mission के भागः

निपुण भारत योजना को सरकार द्वारा 17 भागों में विभाजित किया गया है। यह भाग कुछ इस प्रकार है-

·       1. परिचय

·       2. मूलभूत संख्यात्मकता और गणित कौशल

·       3. मूलभूत भाषा और साक्षारता को समझना

·       4. शिक्षा और सीखनाः बच्चों की क्षमता और विकास पर ध्यान

·       5. येग्यता आधारित शिक्षा की ओर स्थानांतरण

·       6. लर्निग एसेसमेंट

·       7. शिक्षण –अधिगम प्रक्रियाः शिक्षक की भूमिका

·       8. राष्ट्रीय मिशनः पहलू एवं द्रष्टिकोण

·       9. स्कूल की तैयारी

·       10. मिशन की सामरिक योजना

·       11. मिशन कार्यान्वयन में विभिन्न हितग्राहियों की भूमिका

·       12. SCERT और DIET के माध्यम से शैक्षणिक साहित्य

·       13. दीक्षा / NDEAR का लाभ उठाना,डिजिटल संसाधनों का भंडार

·       14. निगरानी और सूचना प्रौद्योगिकी ढांचा

·       15. मिशन की स्थिरता

·       16. माता पिता एवं सामुदायिक जुड़ाव

·       17. अनुसंधान, मूल्यांकन एवं दस्तावेजी करण की आवश्यकता

मूलभूत भाषा एवं साक्षरता के प्रमुख घटकः

·       *रीडिंग कंप्रीहेंशन

·       *प्रिंट के बारे में अवधारणा

·       *लेखन

·       *मौखिक भाषा का विकास

·       *ध्वनी के माध्यम से जागरूकता

·       *डिकोडिंग

·       *पढ़ने का प्रभाव

·       *पढ़ने की संस्कृति

·       *कहानियां एवं कविताएं सुनना, बताना और लिखना

·       *सॉन्ग एंड राइम्स

·       *अनुभव साझा करना

·       *एक प्रिंट समृद्धि वातावरण बनाना

·       *ऊंचे स्वर में पढ़ना

·       *ड्रामा और रोल प्ले

·       *पिक्चर रीडिंग

·       *शेयर ट्रेडिंग

·       *कक्षा की दीवारों का उपयोग करना

·       *अनुभव आधारित लेखन

·       *मिड डे मील

मूलभूत संख्यामकता और गणित कौशलः

·     *कम या ज्यादा एवं छोटा या बड़ा  समझ विकसित करना

·     *एकल वस्तु एवं वस्तुओं के समूह का बीच संबंध स्थापित करने की समझ

·     *मात्राओं की समझ

·     *मात्राओं का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रतियों का उपयोग करना

·     *संख्याओं की तुलना करना आदि।

प्रारम्भिक गणित कौशल-

·       * विद्यार्थियों द्वारा संख्याओंऔर स्थानिक समझ का दैनिक जीवन में उपयोग किया जा सकता है।

·       *दैनिक जीवन में तार्किक सोच और तर्क को विकसित कर सकते हैं।

·       *प्रारंभिक वर्षों के दौरान गणितीय कौशल महत्वपूर्ण होता है।

·       *आधारभूत संख्यात्मकता का रोजगार में एवं घरेलू स्तर पर योगदान।


Some other Links:

No comments:

Post a Comment