उत्तर- शब्द सागर की भूमिका
2. डॉ. गणपति चंद्र गुप्त के अनुसार हिन्दी साहित्य के इतिहास का पुनर्लेखन किया जाना चाहिए-
उत्तर- स्वतंत्र, तटस्थ एवं संतुलित दृष्टि से
3. आचार्य शुक्ल की ऐतिहासिक दृष्टि.........
उत्तर- युग की परिस्थितियों को प्रमुखता प्रदान करती है
4. वह लेखक जिसने कालों की रचनाओं की विशेष प्रवृति के अनुसार उनका नामकरण किया है-
उत्तर-आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
5. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार आदिकाल का समय है-
उत्तर- संवत् 1050 से 1375 विक्रमी
6. इस्त्वार द ला लितरेत्यूर ऐंदुई ए ऐंदुस्तानी, नामक ग्रन्थ लिखा गया था-
उत्तर- फ्रेंच भाषा में
7. ज्ञानराशि के संचित कोश का नाम साहित्य है। साहित्य के संदर्भ में यह कथन है-
उत्तर- पं. महावीर प्रसाद द्विवेदी का
8. हिन्दी साहित्य के इतिहास का काल-विभाजन करने वाले प्रथम इतिहासकार है-
उत्तर- जार्ज ग्रियर्सन
9. रामचन्द्र शुक्ल के वीरगाथा काल को आदिकाल कहा है-
उत्तर- हजारी प्रसाद द्विवेदी ने
10. पं. विश्र्वनाथ प्रसाद मिश्र के मत से रीतिकाल का नाम श्रंगार काल होना चाहिए, क्योंंकि-
उत्तर- रीतिकाल नाम रखने से उसके विभाजन का मार्ग बंद हो जाता है
11. हिन्दी साहित्य के इतिहास का काल-विभाजन करते हुए आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने प्रथम काल का नामकरण वीरगाथा काल किया। डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी ने इसे नाम दिया-
उत्तर-आदिकाल
12. हिन्दी साहित्य बीसवीं शताब्दी के रचयिता हैं-
उत्तर- आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी
13. कविता कौमुदी के संग्रहकर्त्त हैं-
उत्तर- रामनरेश त्रिपाठी
14. मिश्रबंधुओं के अनुसार हिन्दी का प्रथम गद्द लेखक है-
उत्तर- गोरखनाथ
15. भारतीय संस्कृति के मूल उपादानों का ऐतिहासिक विकास प्रस्तुत करने वाला प्रसिद्ध ग्रन्थ - संस्कृति के चार अध्याय लिखा -
उत्तर- रामधारी सिहं दिनकर ने
16. शिवसिंह सरोज का रचनाकाल है-
उत्तर- 1883 ई.
17. वह रचनाकार जिसने अपना लेखन गद्द तक ही सीमित रखा-
उत्तर- प्रेमचन्द
18. अपभ्रंश को पुरानी हिन्दी सर्वप्रथम कहा है-
उत्तर- चंद्रधर शर्मा गुलेरी ने
19. हिन्दी-शब्द सागर सम्पादित ग्रन्थ है-
उत्तर- स्यामसुन्दर दास का
20. हिन्दी साहित्य की भूमिका पुस्तक के लेखक हैं-
उत्तर- हजारी प्रसाद द्विवेदी
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